Wednesday, April 13, 2011

देश के सर्वश्रेठ मुख्यमंत्री का ख़त अन्ना हजारे के नाम


देश के सर्वश्रेठ मुख्यमंत्री का ख़त अन्ना हजारे के नाम

आदरणीय अन्नाजी,
सादर प्रणाम.

नवरात्रि के मेरे आठवें उपवास पर आज सुबह पांच बजे आपको यह पत्र लिखने के लिए प्रेरित हुआ हूं।

आप जब दिल्ली में अनशन पर बैठे थे, उन्हीं दिनों में नवरात्रि के मंगल अवसर पर शक्ति-उपासना के मेरे भी उपवास चल रहे थे। और मुझे सहज आनंद भी था कि मां जगदम्बा की कृपा से, परोक्ष रूप से आपके इस उम्दा उद्देश्य का मैं भी सहयात्री बना हूं।

नवरात्रि के उपवास और चुनावों की भागदौड़ के बीच असम में मां कामाख्या देवी के दर्शन का मुझे अवसर मिला। आपके उपवास जारी थे, इसलिए स्वाभाविक रूप से ही मां कामाख्या देवी के समक्ष आपके उत्तम स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना का भाव मुझमें प्रकट हुआ। इसमें भी किसी सद्शक्ति का ही आशीर्वाद होगा, ऐसा मेरा मानना है।
केरल के चुनाव दौरे से कल रात 2 बजे वापस गांधीनगर लौटा। कल ही केरल में मुझे उत्साहवर्धक समाचार मिले कि, गुजरात के विकास और मेरे लिए अच्छे भाव जताए गए हैं।

आपके इस आशीर्वाद के लिए मैं आपका आभारी हूं।

आदरणीय अन्नाजी,

आपके प्रति मेरा आदर दशकों पुराना है। राजनीति की दुनिया में प्रवेश करने से पूर्व मैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पूर्णकालिक प्रचारक के रूप में कार्यरत था। उस वक्त आरएसएस के राष्ट्रीय स्तर के जो भी अग्रणी आते, वह हमारी बैठक में आपके ग्राम विकास के कार्यों का अनुसरण करने और आपके प्रेरक कार्यों की जानकारी अवश्य देते थे। इसका मेरे मन पर गहरा असर था। भूतकाल में मुझे आपके दर्शन का सौभाग्य भी हासिल हुआ था।

गुजरात और मेरे मामले में अच्छी भावना व्यक्त करते हुए सार्वजनिक तौर पर दृढ़तापूर्वक जो हिम्मत आपने दिखलाई है, इसके लिए पूरा गुजरात आपका आभारी है। आपकी इस हिम्मत में, आपकी सत्यनिष्ठा और सैनिक जैसी प्रतिबद्घता के दर्शन हुए हैं। इसी वजह से आपके मंतव्य को व्यापक रूप से स्वीकृति मिली है।

आपने मेरी प्रशंसा की है, लेकिन इससे मैं अहंकारी न हो जाऊं, कोई भूल न कर बैठूं, ऐसा आशीर्वाद भी आप मुझे दें, आपसे यह आग्रह है।
आपके आशीर्वाद ने मुझे सच्चा और अच्छा करने की नई हिम्मत दी है। इसके साथ ही मेरी जिम्मेदारी भी बढ़ गई है। आपके बयान के कारण देश के करोड़ों युवक-युवतियां बड़ी अपेक्षा रखेंगे। ऐसे में मेरी कोई छोटी सी भूल भी सभी को निराश न कर दे, और मैं निरंतर जागृत रहूं, ऐसा आशीर्वाद प्रदान करें।

आदरणीय अन्नाजी, इस नाजुक घड़ी में मुझे कहना चाहिए कि मैं एक अत्यन्त सामान्य परिवार से आया एक आम आदमी हूं। मेरे परिवार में दूर-दूर तक भी किसी के राजनीति या सत्ता के साथ लेश मात्र भी सम्बंध नहीं है। एक मनुष्य के तौर पर मैं कभी सम्पूर्ण होने का भ्रम नहीं रखता। मुझमें भी मानव सहज कमियां हो सकती हैं। गुण भी हो सकते हैं और अवगुण भी।

परन्तु मैं प्रार्थना करता रहता हूं कि मुझे निरन्तर मां जगदम्बा का आशीर्वाद मिलता रहे, जिससे मेरे अवगुण या मेरी कमियां मुझ पर हावी न हो जाए। सदैव बेहतर करने की इच्छा के साथ, गुजरात के विकास को समर्पित होकर गरीब के आंसू पोंछने में मुझे आप जैसे बुजुर्गों का आशीर्वाद मिलता रहे, ऐसी कामना है।

आदरणीय अन्नाजी, आप तो गांधी के रंग में रंगे हुए एक फौजी हैं। कल केरल के मेरे चुनाव दौरे में आपके द्वारा मुझे आशीर्वाद दिए जाने की खबर आई, उसी पल मेरे मन में एक शंका जाग उठी कि अब अन्नाजी की बन आई। गुजरात विरोधी स्थापित हितों के लिए काम करने वाली एक टोली आप पर टूट पड़ेगी। आपके त्याग, तपस्या और सत्यनिष्ठा को दाग लगाने के लिए इस मुद्दे का दुरुपयोग करेगी। मेरे और गुजरात के नाम पर आपको गलत साबित करने का कोई भी मौका वह जाया नहीं करेगी।
दुर्भाग्य से मेरी आशंका सही साबित हुई। फिर एक बार पूरी टोली मैदान में आ गई है। नवरात्रि के पावन पर्व पर मैं मां जगदम्बा को प्रार्थना करता हूं, कि आपकी सत्यनिष्ठा को आंच भी न आए।
आप तो जानते ही होंगे कि गुजरात के बारे में सच बोलने वाले, अच्छा बोलने वाले छोटे-बड़े सभी पर कैसे-कैसे मानसिक अत्याचार करने का फैशन हो गया है।
भूतकाल में केरल के कुनुर क्षेत्र के साम्यवादी पार्टी के मुस्लिम सांसद श्री पी. अबदुल्ला कुट्टी ने सार्वजनिक तौर पर गुजरात के विकास कार्यों की सराहना की थी तो ऐसे सीनियर नेता को पार्टी से बाहर कर दिया गया।
इस सदी के महानायक श्री अमिताभ बच्चन ने गुजरात के टूरिज्म विकास के लिए निःशुल्क उम्दा सेवा दी तो यह टोली श्री बच्चन के पीछे पड़ गई। चारों ओर हल्ला मचाकर उन पर गुजरात के साथ सम्बंध तोड़ने के लिए दबाव बनाया गया। दुष्प्रचार की आंधी चलाई। मुंबई के एक सार्वजनिक कार्यक्रम में निमंत्रण होने के बावजूद उनको प्रवेश नहीं दिया गया।
गुजरात के अग्रणी गांधी विचारक श्री गुणवंतभाई शाह गुजरात की गौरव गाथा के पक्ष में स्पष्ट बात करते हैं इसलिए उनको भी अछूत बनाने के प्रयास होते रहे हैं।
दारुल उलुम देवबंद संस्था के प्रमुख के रूप में निर्वाचित गुजरात के श्री मौलाना गुलाम वस्तानवी ने सार्वजनिक तौर पर कहा था कि, गुजरात में बहुत विकास हो रहा है, और यहां धर्म के आधार पर कोई
भेदभाव नहीं किया जाता। विकास का फल सभी को मिलता है। यह कहने के साथ ही उन पर जैसे आसमान फट पड़ा। स्थापित हितों की टोली ने उनको परेशान कर डाला।
हाल ही में भारतीय सेना के एक उच्च अधिकारी, गोल्डन कटार डिवीजन के जी.ओ.सी. मेजर जनरल आई.एस. सिन्हा ने गुजरात के विकास की प्रशंसा की। तब भी इसी टोली ने कोहराम मचा डाला और उनके खिलाफ अनुशास्नात्मक कार्यवाही करने की मांग तक कर डाली।
यह तो कुछ ही उदाहरण हैं। लेकिन गुजरात की सही दिशा की विकासयात्रा ऐसे स्थापित हितों की टोली की आंख की किरकिरी बनी है। गुजरात का नाम आने के साथ ही झूठ और दुष्प्रचार की आंधी चलाई जाती है।
आदरणीय अन्नाजी, गुजरात के छह करोड़ नागरिक भाई-बहन नहीं चाहते कि यह टोली आपको भी दुखी करे।
मुझे अब भी डर है कि यह टोली आपको आफत में डालेगी ही। प्रभु आपको शक्ति दे।
देश के लिए आपके त्याग और तपस्या को आदरपूर्वक नमन करता हूं।
ईश्वर आपको उत्तम स्वास्थ्य दे। मेरे जैसे अनेकानेक लोगों को आपका मार्गदर्शन मिलता रहे, यही प्रार्थना है।
आपका
नरेन्द्र मोदी

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