Sunday, July 24, 2016

The reopening of the fertiliser unit can ignite an industrial transformation in the state: PM Modi

गोरखपुर में हाथ कारखाना और AIIMSके शिलान्‍यास कार्यक्रम में उपस्थित युवा सभी के प्रणाम, मैं सबसे पहले आप सबका अभिनंदन करना चाहता हूं, अगर कोई कहता है कि छब्‍बीस साल से बंद पड़ा हुआ कारखाना मेरे कारण हुआ, मोदी के कारण हुआ तो ये बात गलत है। ये छब्‍बीस साल के बाद ये कारखाना फिर शुरू होना हैं, अगर उसका credit, उसका पूरा यश अगर किसी को जाता है तो आप सब जनता जर्नादन को जाता है। अगर आपने मुझे उप्र देश से चुनकर के न भेजा होता, अगर आपने उप्र में एक तरफा भारतीय जनता पार्टी और साथियों को न जिताया होता, तो ये छब्‍बीस साल वाला काम अभी भी लटका पड़ा हुआ होता। ये इसलिए हुआ है क्‍योंकि आपने दिल्‍ली में आप लोगों के ‍लिए काम करने वाली सरकार बनाई है, इसलिए ये काम हो रहा है। अगर आप अपने हितों को ध्‍यान में रख करके सरकार चुनते है तो सरकार भी आपके लिए काम करने के लिए दौड़ती है।
मुझे आपको इस बात के लिए अभिनंदन करना है पूरे उत्तर प्रदेश में अगर आपने हमें ऐसा बल न दिया होता तो हिन्‍दुस्‍तान में तीस साल के बाद जो मजबूत और स्थिर सरकार बनी है, वो कभी नही बन पाती इसलिए मैं आपका और उप्र का हद्य से आभार व्‍यक्‍त करता हूं।
आपका तीसरा अभिनंदन मुझे करना है खास करके पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों का आपने पूरे पूर्वी उप्र में हमारे ऐसे होनहार सांसदों को चुना है, ऐसे जागरूक सांसदों को चुना है, ऐसे सक्रिय सांसदों को चुना है जिसके कारण वो दिन-रात दिल्‍ली में जमाते हैं आपके सवालों को लेकर के मेरे से भी लोहा ले लेते हैं, इसलिए मैं आपको अभिनंदन देता हूं। और लोग मुझे पूछते हैं कि मोदी जी आप सोते कब हो? अरे आपने ऐसे मजबूत सांसद भेजे हैं, वो मुझे सोने देंगे क्‍या? आज, आज ये जो सिद्धि हो रही है इसकी credit योगी आदित्‍यनाथ जी से लेकर सारे MP जरा खड़े हो जाएं एमपी, यही MP हैं जिन्‍होंने दिन-रात काम किया है उसके कारण आज एक के बाद एक काम सफल हो रहें हैं। मैं उनका अभिनंदन करता हूं उनका सम्‍मान करता हूं।
भाइयों बहनों मेरा प्रारम्‍भ से मत रहा है कि अगर भारत का विकास करता है तो दो पहिओं पर ये विकास का रथ हमको चलाना पड़ेगा। एक पहिया पश्चिमी भारत का है और दूसरा पहिया पूर्वी भारत का। अगर पूर्वी भारत का पहिया मजबूत नहीं होगा अकेला पश्चिम वाला पहिया ही मजबूत होगा गुजरात है, महाराष्‍ट्र है, कर्नाटक है, राजस्‍थान है, हरियाणा है, गोवा है, ये सब हिन्‍दुस्‍तान का पश्चिमी इलाका है अगर वही मजबूत हूआ और भारत का पूर्वी छोड़ पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, आसाम, उड़ीसा, नार्थ-ईस्‍ट ये हमारे देश का पूर्वी इलाका अगर इसका पहिया मजबूत नहीं हुआ तो ये भारत का विकास रथ तेज गति से नहीं चल सकता और इसलिए भाइयों बहनों मेरी पूरी ताकत लगी है कि हिन्‍दुस्‍तान के इस पूर्वी भारत का पहिया भी मजबूत बने पश्चिम की तरह ये पहिया भी विकास रथ को आगे ले जाना वाला बने। इसलिए भाइयों बहनों अगर पूर्वी भारत को आगे बढ़ाना हैं तो हमें क्रांतिकारी रूप से आगे बढ़ना पढ़ेगा।
भारत में दूसरी कृषि क्रांति second green revolution अगर कहीं होने वाला है तो पूर्वी भारत में होने वाला है, पूर्वी उत्तर प्रदेश से होने वाला है अगर second green revolution करना है तो हमारे किसान को खाद चाहिए, फर्टिलाइजर चाहिए आपने ऐसा कभी देखा है भाइयों कि घर में तो फर्टिलाइजर के कारखाने बंद पड़े हों, नौजवान बेराजगार बैठे हों, इलाके का विकास अटक गया हो और दिल्‍ली में बैठी हुई सरकार विदेशों से उर्वक मंगाते रहे, विदेशो से फर्टिलाइजर मंगवाते रहे, ऐसी गलती कोई सामान्‍य मानवी भी करेगा क्‍या? कोई करेगा क्‍या? अरे आपके घर में अगर खाने का सामान पड़ा है, तो आप बाहर से किसी से मांग कर लाएगें क्‍या? लेकिन ये दिल्‍ली में ऐसी सरकार घर के कारखानें बंद, लेकिन उर्वरक बाहर से लाते थे हमने तय किया किसानों को जितना चाहिए उतना यूरिया देंगें, लेकिन कोशिश करेंगें कि पहले मेरे देश में जो कारखानें बंद पड़े हैं, उनको चालू करेंगें और ये सारा पूर्वी भारत में है। शिंदरी हो, बरौनी हो, गोरखपुर हो ये यही इलाके के किसानों के साथ अन्‍याय हो रहा है और इसलिए भाइयों बहनों सिर्फ ये नहीं शिंदरी और बरौनी के कारखाने भी हम हीं चालू करेंगें। मैं आपको विश्‍वास दिलाता हूं।
भाईयों बहनों हमारे देश में हमेशा मैं जब गुजरात का मुख्‍यमंत्री था तो मैं भारत सरकार को एक चिट्ठी जरूर लिखता रहता था उसमें हमेशा शिकायत करता था कि मेरे किसानों को यूरिया चाहिए आप यूरिया दीजिए और दिल्‍ली सरकार जवाब नहीं देती थी। मैं प्रधानमंत्री बना तो पहले साल मुझे भी मुख्‍यमंत्रियों की यही चिट्ठी आई कि हमें यूरिया चाहिए और मैं अखबार में खबर पड़ता था यूरिया ब्‍लैक में बिक रहा है। किसान यूरिया लेने के लिए दूकान के सामने बारह-बारह पंद्रह-पंद्रह घंटे कतार लगाकर खड़ा है। यूरिया लेने के लिए किसान गया है और पूलिस लाठीचार्ज कर रही है। ये दिन आप लोगों को याद करने पड़ेगें, याद है न, ऐसा होता था न, भाईयों बहनों डेढ़ साल में मुझे एक भी मुख्‍यमंत्री की चिट्ठटी नहीं आई है, कहीं पर लाठीचार्ज नहीं हुआ है, कहीं पर यूरिया का ब्‍लैक मार्किटिंग नहीं होने दिया है।
लेकिन भाइयों बहनों और इसलिए किसान की आवश्‍यकता है, आज भी उस बात को आगे बढ़ाने के लिए हमारे देश में बिजली में घाटा हो जाए तो किसके नाम पर आरोप मढ़ देना किसानों के नाम पर, यूरिया की खपत की समस्‍या हो आरोप मढ़ देना किसानों पर, हकीकत तो ये थी कि यूरिया किसानों तक पहुंचता ही नही था यूरिया कारखानों से निकल कर कैमिकल वालों की फैक्ट्रियों में चला जाता था, किसान बेचारा इंतजार करता था और सारी सब्सिडी कैमिकल फैक्ट्रियों वालों को मिलती थी, किसानों के नसीब में नहीं आती थी। हमनें उपाय खोज लिया हमनें कहा यूरिया का Neam Coating करेगें और यूरिया का Neam Coating करेंगें तो एक ग्राम यूरिया भी किसी भी कैमिकल फैक्ट्रिी को काम नहीं आएगा, कोई चोरी नहीं कर सकता है जो भी यूरिया होगा वो सिर्फ खेती में ही काम आएगा और किसी काम में नहीं आ सकता, इसके कारण चोरी गई, भृष्‍टाचार गया, बेईमानी गई, किसानों के नाम पर जो बिल फट रहे थे झुठे, वो भी बंद हो गये ओर किसानों को जरूरत के हिसाब से यूरिया मिलने लग गया। भाइयों बहनों हमारी कोशिश है कि आने वाले वर्षों में यूरिया के उत्‍पादन की ऐसी strategy बनाएगें जिसके कारण हमें विदेशों से यूरिया न लाना पड़े हो सके तो विदेशों में जहां गैस उपलब्‍ध होता है, हम हीं वहां यूरिया बनाएगें और हम हीं यूरिया को ले आएगें।
भाइयों बहनों हमारें देश में अगर टमाटर का दाम बढ़ गया तो चौबिसों घटें सरकार की आलोचना करने वाले लोग तैयार रहते हैं, सब्‍जी का दाम बढ़ गया तो चौबिसों घटें सरकार की आलोचना करने वाले लोग तैयार रहते हैं। लेकिन उनको कभी इन किसानों की याद नहीं आती। क्‍या किसान को उनके हक का मिलना चाहिए या नहीं मिलना चाहिए? किसान इतनी मेहनत करता है उसको उसका लाभ मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए भाइयों बहनों हमारे देश में मंहगाई की चर्चा बहुत स्‍वाभाविक होती है लेकिन कभी महत्‍वपूर्ण फैंसले हो जाएं, बढ़े महत्‍वपूर्ण दाम कम हो जाएं तो उसको भूला दिया जाता है। यहां जितने भी किसान होंगें आपने कभी सुना है पिछले तीस साल.. में मैं चुनौती देता हूं आपने कभी सुना है हमारे देश मे फल्टिलाईजर के दाम कम हुए हों ऐसा कभी सुना है भाई सुना है? नहीं हुआ न? ये पहली सरकार आपने दिल्‍ली में ऐसी बिठाई है, मेरे भाइयों बहनों कि आज मुझे ये बताते हुए खुशी होती है कि हमारी सरकार की नीतियों के कारण, हमारे देश में भृष्‍टाचार खत्‍म करने के लगातार प्रयासों के कार,ण हमारी सरकार में सामान्‍य किसान की भलाई की दिन-रात चिंता करने के कारण, मेरे किसान भाइयों हमारी सरकार ने TLP खाद जिसमें प्रतिटन मुल्‍य में ढ़ाई हजार रूपया कटौती करने में सफलता प्राप्‍त की है और उसके कारण जब किसान पचास किलोग्राम की बोरी लेता है, तो उसको एक सौ पच्‍चीस रूपया अब कम देना पड़ेगा ये काम हमने किया। MOP, किसान को MOP चाहिए उसके मूल्‍य में प्रतिटन पांच हजार रूपया कम करके दिखाया भाइयों बहनों पांच हजार रूपया कम और उसके कारण पचास किलो का अगर बोरा होगा, उसका ढाई सौ रूपया तक बचत होने वाली है। भाइयों बहनों इसके दाम मिश्रित खाद NPK के हमने average एक हजार रूपया प्रतिटन कम किया है और उसके कारण किसान को बोरे पर पचास रूपये की बचत होने वाली है। इन सारा हिसाब लगाए तो इसके पहले कभी किसान को सस्‍ते में खाद मिले ऐसा कभी किसी सरकार ने सोचा तक नहीं था। ये पहली सरकार है, जिसने इस दिशा मे सोचा है। 


No comments: